Friday, February 16, 2007

तुम आ जाओ

तुम आ जाओ !
नयन पथ पसारे,निशा बिती गिन तारे,
तुम आ जाओ !

है विरह दुखदाई,सही ना जाये ज़ूदाई,
हमको अब कौन उबारे,
तुम आ जाओ !

आह ये एकाकी जीवन,दूखियारा मेरा मन,
हम कैसे इसे संवारे,
तुम आ जाओ !

गये कौन से देस , कैसे तुमको भैजें सन्देस,
तुम आ जाओ प्रितम हमारे,
तुम आ जाओ !

No comments: