माना की जीवन मे मैरे अभी रात है ,
पर एक दिवस होगी प्रात ज्ञात है |
दिवस कभी कोई सुख का भी होगा,
मुझे है विश्वास, मुझे है आशा,
चाहे दुखी स्वर अभी उद्दात है |
बारहवर्षोपरांत बुद्ध हुवे थे बुद्ध,
जीतुंगा मैं भी अपना जीवन युद्ध,
ज्ञात है जीवन अर्थात आघात है |
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