Wednesday, February 14, 2007

गाथा नई-पूरानी

मां
चंदा मामा की नहीं,
सुनाऔ मुझे
ही-मेन की कहनी |

इसलिये
की मेरे दोस्त भी
सुनते हैं
यही कहानी,
की उनकी मां भी
सुनाती है उन्हे
यही कहानी,
की वो
करते हैं बातें
ही-मेन की जब,
मेरे चंदा-मामा को
ग्रहण लग जाता है |

मां ! इस नव-गाथा के आगे
तुम्हारा बेटा
पूरातन,चिर-पूरातन
गाथा के बोझ से
झूक जाता है |
मां !
ही-मेन के आगे
मेरा चंदा मामा चूक जाता है

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