Wednesday, February 14, 2007

देख अखबार

देख अखबार ,पढ समाचार ,
मैने अपनी,सुबह काटी |

चलते दिन का,खौल के नक्शा,
पेन उठा के ,उसपे टिक लगा,
अपने समय की सीमाये बाँटी |

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