Monday, February 19, 2007

कह लेने दो

कह लेने दो बातें दो-चार,
गीत दो-चार गा लेने दो |

मैं तो परींदा हूं उड जाउंगा,
डाल धरती की छोड कर,
सारे रीश्ते-नाते तोड कर,
जो सुनाता हूं सुना लेने दो |

रहूं जब मैं जाने को तत्पर,
तब तुम्है सुध आयेगी,
आज घडी ये हाथ मे है,
कल निकल जाएगी,
बौल मेरे बता लेने दो |

अंबर का चिरव निला,जाने..
कब मैं धारण कर लुंगा,
जाने कब मैं फकिर बन,
हो के यायावर चल दुंगा,
शब्द-पांखि उडा लेने दो |

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