औढ लेटा हूं तबस्सुम तुम्हारा
तुम्हारा ख्याल तकिया बनाया है |
मिठी हँसी लोरी गाती है तुम्हारी
तुम्हारी याद ने सर थपथपाया है |
आँसमां मे भी आज की रात
चेहरा तुम्हारा चांद बन आया है |
मेरे ख्वाबॉ मे भी ओ जाने-जाँ
आकर तूम दस्तक दो काश |
Monday, February 19, 2007
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