Wednesday, February 14, 2007

तन - श्रृंखला

तन का बिज बोया,
तन ही की भूमी मे,
मन के तल पर |

तन का अंकुर फुटा,
तन ही उगा,
मन के तल पर |

तन मे अंकुर फूटा,
तन-फल उगा,
मन के तल पर |

तन ने
तन ही को जीया ,
आदि से अंत,
मन के तल पर |

अब फिर बीज गीरा है,
तन क तन पर,
मन के तल पर |

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