Monday, February 19, 2007

आत्मघात

मेरे सपने खरीद ले,
मुझे हकिकत बेच दे |
स्वर्ण - पाँखि हूं मैं,तू ,
आ और मुझे पकड ले |
कफन मैने औढ लिया है,
तू आकर मुझे आग दे |
मैं उफ तक न करुंगा,
इश्क छोड दे, दिल तोड दे |
और कुछ नही मांगता,
ए यार बस इतना कर दे |

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