Wednesday, February 14, 2007

सपने

आओ चलो सपने ढुंढे,
इस जीवन की रेत मे,
सुंदर , सलोने सपने |

आओ चलो सपने ढुंढे,

कुछ चमकीले,कुछ निले,
कुछ लाल और कुछ पिले |
भांति-भांति की रेखाओं वाले,
भिन्न-भिन्न आकारों वाले |

आओ चलो सपने ढुंढे,
और ढुंढ उन्है हम छुपा दे
कही मन की ओट मे |
वरना लौग फेंक देंगे
उन हिरों को पत्थर समझ कर |

आओ चलो सपने लेखेंगे ,
मगर सब से छुपकर

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